पी चुके हैं हम विष का प्याला
बस बहुत हुआ अब और नही !!
तुझमे मेरा अब ठौर नही!!
बहुत अलग है दुनिया मेरी!!
इस दुनिया में तेरा गौर नहीं!!
सुनले तू भी ज़ोर से!!
देख ले चारो ओर से!!
ये वक़्त नहीं रुकने वाला!!
पी चुके हैं हम विष का प्याला!!
जो भर देंगे हुंकार अभी!!
मच जाएगी चीख़ पुकार यहीं!!
सृजन की शक्ति रखते है !!
हम शिव की भक्ति करते हैं !!
मतवाले है मस्ताने हैं!!
हम अपनी ज़िद को ठाने है!!
अब नही हम थकने वाले!!
कभी नही अब रुकने वाले!!
जिसको आना है आ जाये!!
जिसको जाना है चला जाये!!
फर्क नही अब पड़ने वाला!!
पी चुके है अब हम विष का प्याला!!
हमसे अब जो टकराएगा!!
सच में बस मुँह की खायेगा!!
हार कहां हम मानेंगे!!
बस जीत की धुन ही ठानेंगे!!
गिर- गिर उठना सीख लिया!!
मर-2 कर जीना सीख लिया!!
है हिम्मत तुझमे तो आ जा तू!!I
मेरी दुर्बलता पर ना जा तू!!
अफ़सोस करेगा मुझको खोकर!!
संभलेगा तू फिर खाकर ठोकर!!
अभी नही तो कभी नही!!
ये पल बीते हैं सदी नही!!
कुछ खोकर पाना सीखो तुम!!
अहम को भुलाना सीखो तुम!!
चलते जाओ बस चलते ही जाओ!!
जीवनपथ पर अपने कदम बढ़ाओ!!
मुड़कर पीछे मत देखो तुम!!
आशाओं के अंकुर हो तुम!!
मातृभूमि का कर्ज़ चुकाओ!!
कर्मपथ पर बस बढ़ते जाओ!!
*Unity shrivastava, एकता*✍️
प्रतियोगिता हेतु
#लेखन
Shrishti pandey
18-Jan-2022 04:40 PM
Verynice
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Ekta shrivastava
18-Jan-2022 06:25 PM
Thanku so much ...
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Arman Ansari
18-Jan-2022 11:04 AM
बहुत खूब
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Ekta shrivastava
18-Jan-2022 06:25 PM
Thanks alot..
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Swati chourasia
18-Jan-2022 07:41 AM
वाह बहुत खूब 👌
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Ekta shrivastava
18-Jan-2022 07:52 AM
बहुत-2 धन्यवाद मैंम 🙏🙏
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